Ed il dolce ashram 10 rasvanti18plus

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In the middle of this chaotic scene stood Mata Ji, the elderly mistress of the ashram. She was wearing her usual saffron robe, but it was now speckled with milk splatters. Her silver hair was slightly disheveled, and her glasses sat crookedly on her nose. Mata Ji looked utterly exhausted, her eyes half-closed, yet a bemused smile was playing on her lips. She was holding a ladle in one hand and a mop in the other, but she didn't seem to know which one to use first.

Pubblicato da RASVANTI18PLUS

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भाग कर किचेन के अंदर गुसते ही माता जी ने एक कोना पकड़ लिया वो मेरे से छुपना चाहती थी बचना चाहती थी

हाला कि मजा तो उन्हें भी आता था लेकिन ये बढ़ी में एक शियरन ला देता है बाड़ी थरथरा जाती है कपा जाती है

तो थोड़ा इंतिजार थोड़ा रेश्ट मांगता है मुझे पता चल गया और मैंने इस तरीके से माता जी को जाके लपेट लिया और कुछ टाइम तक हम दोनों ऐसे ही लपेटे रहे हैं खड़े खड़े एक कोना पकड़ के

माता जी वजा रहा है ना मुझे भी रेश्ट टाइम तोड़ा रेश्ट टाइम प्लीज

हाँफ़ाँ फ़ाँ... फ़ाँ�

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इस दोरान माता जी इधर उधर हिलने डूलने लगी मेरे हाथ से फिसलने लगी लेकिन मैं सबकुछ छोड़ चूड़ चेड मैं नहीं छोड़ा पकड़ के रखा मैंने इस दोरान किच्चन में बहुत सारी उतलपुतल हुई बरतन दूद वगरा इधर उधर फिसले

लेकिन मैं उंगली करता रहा

अब माता जी ने फानी छोड़ दिया

कुछ बरतने भी इधर उधर गिरी और इधर बकरी डर के मारे चिला रही थी

माता जी टाइम प्लीज टाइम प्लीज चलिये अब बेड के उपर चलते हैं कितना खड़ा रहेंगे

आप में बहुत स्टामिना है नहीं आएए आएए

मैंने माता जी को पुरे सन्मान के साथ पुरे तहजीब के साथ अपने गोद में उठाया उनके दो गांडों को सहलाया

दो हतेलियों से दो हातों से पकड़ा उनकी गांडों को और बीच में मैंने एक दो ठपड भी मार दिये उत्यज़ना में

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